Padma Awards: पद्मश्री पाने वाली ‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया’ तुलसी गौड़ा की कहानी

Padma Awards: हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जो बिना किसी स्वार्थ के देश में परिवर्तन लाने के लिए अपना पूरा जीवन दूसरों की सेवा भाव में लगा देते हैं. ज्यादातर मामलों लोग गुमनामी में रहकर भी अपने काम को करते रहते हैं. वहीं ऐसे लोग देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार के जरिए देश के सामने आते हैं.

देश में सोमवार को भारत के राष्ट्रपति ने सात हस्तियों को पद्म विभूषण, 10 को पद्म भूषण और 102 को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इसमें एक नाम पर्यावरणविद तुलसी गौड़ा का भी शामिल है. कर्नाटक की रहने वाली पर्यावरणविद तुलसी गौड़ा को ‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया’ के नाम से भी जाना जाता है.

कर्नाटक के होनाली गांव के रहने वाली गौड़ा ने 30,000 से अधिक पौधे लगाए हैं और वन विभाग की नर्सरी की देखभाल करती हैं. तुलसी गौड़ा को सम्मानित करने के साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर उन्हें बधाई दी. 

इसके साथ ही भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट करते हुए लिखा “राष्ट्रपति कोविंद ने सामाजिक कार्य के लिए श्रीमती तुलसी गौड़ा को पद्म श्री प्रदान किया. वह कर्नाटक की एक पर्यावरणविद् हैं, जिन्होंने 30,000 से अधिक पौधे लगाए हैं और पिछले छह दशकों से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में शामिल हैं.

बता दें कि गौड़ा कर्नाटक में हलक्की आदिवासी से संबंधित हैं और उन्हें पौधों और जड़ी-बूटियों की विविध प्रजातियों के अपने विशाल ज्ञान के कारण ‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया’ के रूप में भी जाना जाता है. वहीं इससे पहले उन्हें ‘इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र अवॉर्ड’, ‘राज्योत्सव अवॉर्ड’ और ‘कविता मेमोरियल’ जैसे कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

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