
नई दिल्ली : कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने आतंकवादी संगठन बोको हराम और आईएसआईएस की तुलना अपनी किताब में हिंदुत्व से की है. इस पर बवाल मच गया है. जहां बीजेपी ने सलमान खुर्शीद और कांग्रेस पर हमला बोला है. वहीं कांग्रेस ने सलमान खुर्शीद का बचाव किया है. आइए आपको बताते हैं कि बोको हराम आखिर है क्या और क्या है उसके खौफ की दास्तां. ये आईएस का हिस्सा है, जिसे आम भाषा में बोको हराम कहते हैं.
हिंदू धर्म की एक महान परंपरा है. सबसे पुरानी सभ्यता के प्रतीक इससे जुड़े हैं. हमारे संस्कारों के संगीत इससे जुड़े हैं. हिंदू धर्म के बारे में महात्मा गांधी ने कहा था कि अगर मुझसे हिंदू धर्म की व्याख्या करने के लिए कहा जाए तो मैं इतना ही कहूंगा कि अहिंसात्मक साधनों द्वारा सत्य की खोज. सत्य की अथक खोज का ही दूसरा नाम हिंदू धर्म है. निश्चित रूप से हिंदू धर्म ही सबसे अधिक सहिष्णु धर्म है.
ऐसे में हिंदुत्व की तुलना दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस और बोको हराम से कैसे की जा सकती है. सलमान खुर्शीद देश के कानून मंत्री रहे हैं. विदेश मंत्री रहे हैं. देश दुनिया के बारे में बहुत कुछ जानते हैं लेकिन लगता है कि आईएसआईएस और बोको हराम की खूनी हिस्ट्री नहीं जानते.
आंकड़ों में ISIS का आतंक
साल हत्या
2013 – 1,400
2014 – 6,073
2015 – 6,141
2016 – 9,150
2017 – 4,350
2018 – 1,571
2019 – 942
–आईएसआईएस ने 2013 में इस्लाम के नाम पर एक हजार चार सौ लोगों का कत्ल कर दिया था.
- 2014 में छह हजार 73 लोगों की हत्या की.
-2015 में 6 हजार 141 लोगों की.
-2016 में तो 9 हजार 150 लोगों की हत्या आईएसआईएस के आतंकवादियों ने की.
-2017 में 4 हजार 350 लोगों की.
-2018 में 1 हजार 571 लोगों की हत्या की
-तो 2019 में 942 लोगों की.
ये तो आंकड़ों में कुछ गिरावट आई तो इसलिए नहीं कि आईएसआईएस का हृदय परिवर्तन हो गया बल्कि इसलिए कि उनके आतंकी हरकतों के खिलाफ सीरिया और इराक में हुकूमतों का बल प्रयोग शुरू हुआ. वैसे ही जिस बोको हराम से सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व की तुलना कर दी, उनका भी आतंकी चरित्र खुर्शीद को देख लेना चाहिए.
-अफ्रीकी देश नाइजीरिया में बोको हराम का कहर है.
-बोको हराम ने 2009 से अब तक साढ़े तीन लाख लोगों का कत्ल किया है.
-इस काम को कितनी बेरहमी से उसने अंजाम दिया, इसको आप इस बात से समझ सकते हैं कि बच्चों को फिदायीन हमलावर बनाकर बोको हराम भेजता है. दूसरी तरफ गला रेत कर भी लोगों को मार डालते हैं.
-उसका खौफ इतना बड़ा है कि नाइजीरिया में तीस लाख लोग विस्थापित हो गए.
-करीब तीन लाख लोग तो देश छोड़कर भाग गए.
-इसका नतीजा ये हुआ कि हालात को संभालने के लिए अमेरिकी सेना को वहां तैनात होना पड़ा.
बोको हराम का आतंक
कहर- नाइजीरिया
हत्या- 3.5 लाख
तरीका- बच्चा बम
विस्थापन- 30 लाख
देश छोड़ना- 3 लाख
अंजाम- अमेरिकी सेना तैनात
बोको हराम की क्रूरता इतनी है कि मजदूरों को बंधक बनाया तो गला काट दिया. हिंदू बनाम धर्मनिरपेक्षता इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर केंद्र सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें धर्म निरपेक्षता और समाजवाद शब्द गायब थे. यह एक मानवीय चूक थी या जान-बूझकर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में उठाया गया सोचा-समझा कदम. यह सवाल बहुतों के मन में उठा. राजनीतिक हलके में संभावना यह भी जताई गई कि बीजेपी सरकार ने एक योजना के तहत सरकारी विज्ञापन से इन दोनों शब्दों को हटाया था.
दरअसल, बीजेपी और आरएसएस इन शब्दों को हटाकर आम जनमानस की प्रतिक्रिया से वाकिफ होना चाहते थे. राजनीतिक हलकों में जब इन शब्दों को हटाने को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया हुई, तो केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को आश्वासन देना पड़ा कि केंद्र सरकार भविष्य में इन बातों को ध्यान में रखेगी. हालांकि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद यह कहने से नहीं चूके कि 1950 में जो संविधान भारत में लागू किया गया था, उसमें ये दोनों शब्द नहीं थे. आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार ने ये शब्द संविधान की उद्देश्यिका में शामिल किए. लेकिन हिंदुस्तान में ऐसी स्थिति कभी नहीं रही.
जब दुनिया युद्ध युद्ध चिल्लाती थी, उस वक्त हिंदुस्तान से ही किसी बुद्ध ने शांति का संदेश पूरी दुनिया को दिया. जिस वक्त बाहुबल से लोग दुनिया जीतना चाहते थे, उसी दौर में गांधी ने आत्मबल और अहिंसा से आजादी की लड़ाई में जीत हासिल की. उस गांधी की अगुवाई में चली कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद आज अगर मानते हैं कि हिंदुत्व आईएसआईएस और बोको हराम जैसा हो तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है. वैसे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस से करना गलत है। हालांकि वो भी मानते हैं कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व एक नहीं है, फिर भी ऐसी तुलना नहीं चाहते.